एक गरीब बाप की बेटी टीचर बन गई जैसे तैसे करके उसके पिताजी ने रीना को मंजिल तक पहुंचा दिया ।
बात आ गई शादी की बेटी के पीले हाथ कर दे, किसी ने बताया एक लड़का फला जगह पर टीचर है उसे टीचर लड़की चाहिए और कुछ भी नहीं ।
गरीब बाप सहमत हो गया और लड़के वाले के पास पहुंच गया उसने बताया मेरे पास में रोटी और बेटी है दहेज के नाम पर और कुछ नहीं ।
लड़की देखने में सुंदर सुशील है लेकिन सही कहा है किसी ने इंसान का दिल कभी नहीं भरता विरले होते हैं वह लोग जो इन सब से ऊपर उठ जाते हैं ।
लड़के के बाप ने कहा कि ज्यादा कुछ नहीं लड़की को जेवर आप ही दोगे गरीब बाप बेचारा वापस लौट आता है आकर बेटी को बताया और कहा हम अपना खेत गिरवी रख देंगे ।
तो बेटी ने दृढ़ संकल्प किया और कह दिया मैं बेरोजगार लड़के से शादी करूंगी उसे काबिल बनाऊंगी और यदि नहीं बन पाया तो कोई बात नहीं हम एक की कमाई से भी घर चला लेंगे।
दो ही दिन निकले थे कि लड़के वाले के यहां से यह पैगाम आया कोई बात नहीं जेवर हम ही गढवा लेंगे ।
लेकिन रीना ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि मुझे यह रिश्ता पसंद नहीं है जहां लोग घर की रौनक के साथ साथ बाप की प्रॉपर्टी भी ले लेते हैं ।
मेरे कहने का आशय यह है — कि लड़कियों को भी अपने लिए ऐसे वर का चयन करना चाहिए जो सिर्फ आपको पसंद करें आपके पिता की दौलत को नहीं।
विमला जोरवाल