गजब का इश्क निभाते हैं लोग देखा होगा अक्सर प्रेम होने पर चांद राधा हीर लैला इन सब नामों से नवाजते है लोग
 और कहते हैं आपसे अच्छा कोई नहीं ना ही होगा मेरे लिए
 जब उतर जाता है प्रेम का गुबार तब चांद में दाग और प्यार को कलंक बताते हैं लोग।
 गजब का इश्क निभाते हैं लोग ।।

जिसने बिना सोचे समझे तन मन लुटाया तुम पर
 मां बाप और अपने आप से ज्यादा विश्वास जताया तुम पर जब भर जाता है दिल तो चरित्र पर उंगली उठाते हैं लोग ।
गजब का इश्क निभाते हैं लोग ।।

कुछ मैसेज दे रहे हैं हम 
नारी होने के नाते 
आप सब से गुफ्तगू करके 
मंथन करो प्यार पर ह्रदय पर हाथ धर के 
चाहे जो भी हो प्यार में देहरी लांघना मुनासिब नहीं 
ना जाने कब दर-दर भटकने के लिए छोड़ देते हैं लोग।
 गजब का इश्क निभाते हैं यह लोग ।।

लेखिका विमला मीना