आज जब दर्द मुझे छू गया तो नयन कहां पीछे रहते
 आंसूओं से भर  गए ।
ऐसा नहीं था कि आंसू पौंछने को रूमाल कम मिले।      लेकिन —
मां का आंँचल याद आया और फिर रुला गया।
लेखिका विमला मीना
 बामनवास


Other Post Links :-