पूछ लिया किसी ने मैम हाल कैसा है ?
इतना ही कहा—
ना ही दिन अच्छे हैं नाही हाल अच्छा है
निवाला छूटने पर याद आता है जेहन में
कोई न कोई तो जरुर भूखा है ।
ना दिन अच्छे हैं ना ही हाल अच्छा है
आज फिर से पूछा
इतना ही कहा —
अरमान है सबके ख्वाइशें सबकी है।
लेकिन मुफलिसी ने सपनों पर
मारा तमाचा है
कोई न कोई तो जरुर
इच्छा मार के बैठा है।
ना दिन अच्छे हैं ना ही हाल अच्छा है
आज .....
इतना ही कहा ,
मुस्करा कर हमने
आपने पूछा और हम भी जानते है
किसी के दिल में जगह बनाने के लिए
ये सवाल अच्छा है ।
बाकि तो ना दिन अच्छे हैं ना ही हाल अच्छा है
ज्यादा नही अपने अपनों का हाल चाल पुछते रहिये
दूरियां कम होती है।
लेखिका विमला मीना
बामनवास
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